ज्वेलर्स कर रहे है प्रदूषण-लेनी होगी प्रदूषण नियंत्रण विभाग से एनओसी

ज्वेर्लस को भी अब प्रदूषण कंट्रोल विभाग से एनओसी लेनी होगी। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से सभी राज्यों को भेजे आदेश में यह कहा गया हैं।
अभी तक ग्रीन उघ्योग के दायरें में आने वाला यह उधोग भी अब प्रदूषण के दायरे में आयेगा।
सोने की परख,हॉलमार्किग या इससे जुड़े काम करने वालों को पीसीबी यानि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड़ से एनओसी लेनी होगी।
यही नहीं इसके लिए शुल्क भी तय किया जायेगा।
अभी तक ज्वेलर्स को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से किसी भी तरह की एनओसी नहीं लेनी पड़ती थी।
लेकिन एनजीटी ने कुछ शिकायतों में पाया कि सोने की हॉलमार्किग निर्माण आदि काम करने में कम्मिकल का उपयोग होता हैं।
इसमें लैड,एस्सरे सहित कई तरह की प्रक्रिया शामिल हैं। शिकायत की गयी कि इस काम से कई तरह के खतरनाक प्रदूषक निकलते हैं,इससे जल और वायु प्रदूषण होता हैं।
इसके बाद एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सभी राज्य बोर्डों को सोने का काम करने वाले ज्वेलर्स को भी प्रदूषण दायरे में लाकर प्रदूषण नियंत्रण के निर्देश दिए गए।
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जिसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी देहरादून,
क्षेत्रीय अधिकारी हरिद्वार, क्षेत्रीय अधिकारी हल्द्वानी और क्षेत्रीय अधिकारी यूएस नगर को इसकी गाइडलाइन जारी करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गाइडलाइन
-सभी को पीसीबी से एनओसी लेनी होगी।
– इस काम में लगे कर्मचारियों का साल में एक बार ब्लड टेस्ट कराना होगा।
– सारी केमिकल या अन्य पदार्थों के उपयोग और डिस्पोजल का रिकार्ड रखना होगा।
– कर्मचारियों को एसिड ग्लब्ज और हेलमेट सहित सुरक्षा उपकरण देने होंगे।
– काम की जगह में धुआं निकलने के लिए विशेष चिमनी लगानी होगी।
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