चमोली आपदा के जख्म-इन परिवारों को है अपनो के लौटने का इंतजार

चमोली आपदा के जख्म-कालसी में कई परिवारों को है अपनो का इंतजार।
विकासनगर(कमल खड़का)। 7 फरवरी को उत्तराखंड में आई आपदा के दौरान तपोवन में काम करने के लिए गए जौनसार बाबर के 9 नवयुवकों के लापता होने के बाद से अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
जिला देहरादून तहसील कालसी के पंजिया गांव निवासी 4 बच्चों के लापता होने की सूचना के बाद से ही गांव में सन्नाटा पसरा है।

लापता युवकों के परिवार वालों को सांत्वना देने गांव और आसपास के लोगों का परिवार से मिलने का सिलसिला लगातार जारी है,
नहीं पहुंचा तो बस शासन-प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी।
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पंजिया गांव के ही पिता जवाहर सिंह और माता बुदारी देवी के दो नौजवान बेटे संदीप चौहान और जीवन चौहान भी काम करने के लिए तपोवन गये हुए है।
इन दोनों भाइयों का भी तपोवन त्रासदी के बाद से कोई पता नहीं लग पाया है। 25 वर्षीय संदीप चौहान का विवाह आने वाली 6 मई को होना तय हुआ है।
जिसको लेकर परिवार वाले विवाह की तैयारी में जुटे हुए थे।
7 फरवरी को उत्तराखंड में आयी आपदा के बाद परिजनों क्या मालूम था कि कुदरत के कहर के बाद दोनों ही भाई लापता हो जाएंगे और परिवार में खुशियों का माहौल गम में बदल जाएगा।
परिवार वालों को उम्मीद है कि उनके दोनों ही बेटे जल्द घर वापस लौटे आएंगे।
फिलहाल शासन प्रशासन का कोई भी आदमी गांव में ना आने के कारण परिवार वालों में काफी गुस्सा है।
पंजिया गांव के ही रहने वाले हर्ष चौहान अपने दो भाई और तीन बहनों में चौथे नंबर के पूरे परिवार के दुलारे है।
हर्ष के ताऊजी सूरत सिंह चौहान ने बताया कि तपोवन आपदा के 6 दिन बाद भी शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अभी तक गांव में नहीं आया।
देहरादून जिले के अंतर्गत पड़ने वाली तहसील कालसी के पंजिया गांव के चार और अन्य गांवों के रहने वाले 5 युवक जोकि अपने परिवार का सहारा थे।
आज त्रासदी के 6 दिन बीत जाने के बाद भी उनका कोई पता नहीं लग पाया।
परिवार के लोगों में आस है कि उनके खोए हुए चारों बच्चे जल्द ही गांव में लौटेंगें।
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