देहरादून(अरुण शर्मा)। रुद्रप्रयाग जिले को लेकर पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंप दी है।
पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में रुद्रप्रयाग जनपद से 316 ग्राम पंचायतों से 22735 लोगों द्वारा अस्थाई पलायन किया।
यह पलायन जनपद के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ।
जबकि 7835 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से स्थाई पलायन किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रूद्रप्रयाग एवं टिहरी जनपद की प्रति व्यक्ति आय अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में कम है।
पलायन आयोग ने सरकार को कुछ सुझाव दिए है…..जिसमे
विकासखण्ड स्तर पर आर्थिक विकास का एक ढ़ाचा तैयार किया जाय।
जनपद में पर्यटन विकास योजना तैयार होनी चाहिए।
राज्य सरकार की होम स्टे योजना को स्थानीय स्तर पर बढ़ावा देना होगा।
पानी के पारम्परिक स्रोतों के सूखने से जल की उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनपद के प्रमुख पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा।
जनपद में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है।
जनपद में महिलाओं की आबादी अधिक है, महिलाओं को कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना होगा।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में रुद्रप्रयाग जनपद से 316 ग्राम पंचायतों से 22735 लोगों द्वारा अस्थाई पलायन किया।
यह पलायन जनपद के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ। जबकि 7835 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से स्थाई पलायन किया गया।
जनपद में स्थाई पलायन की तुलना में अस्थाई पलायन अधिक हुआ है। लगभग 40 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया।
2011 की जनगणना के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग की जनसंख्या 02 लाख 42 हजार 285 है। जनपद की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।