बीआरओ चीफ आशु सिंह राठौड़ उत्तराखंड से दिल्ली ट्रांफर।
दस साल में 662 करोड़ रुपये खर्च हुए उत्तराखंड की सड़कों पर।
ऋषिकेश। बीआरओ चीफ इंजीनियर आशु सिंह राठौड़ उत्तराखण्ड में अपना कार्यकाल पूरा कर दिल्ली स्थान्तरित हो गए है।
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मंगलवार को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल से भेंट की,जंहा उनको शाल उढ़ाकर सम्मानित किया गया।

आपको बता दे कि आशु सिंह राठौड़ दिल्ली में अपनी सेवाएँ देंगे एवं विगत कुछ दिनों बाद ही वह दिल्ली में अपने पदभार को ग्रहण करेंगे।
बीआरओ चीफ ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि बीआरओ द्वारा 10 साल में पहली बार उत्तराखंड में इस वर्ष 662 करोड रुपए से अधिक बजट खर्च किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीआरओ का लक्ष्य भारतीय सीमाओं पर सुचारु सड़क व्यवस्था उपलब्ध कराना है ताकि सीमा क्षेत्र में तैनात जवानों को आवाजाही व आवश्यक सामग्री को सुगमता से पहुंचाई जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष के कैम्प कार्यालय में बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) चीफ इंजीनियर आशु सिंह राठौड़ ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने 3 साल से उत्तराखंड को दी जा रही उनकी सेवाओं के लिए चीफ इंजीनियर को सम्मानित किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने बीआरओ के शिवालिक रेंज के चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत एसएस राठौड़ को पुष्प गुच्छ भेंट कर उन्हें अग्रिम शुभकामनाएं दी।
उत्तराखंड से विदाई से पूर्व बीआरओ चीफ़ ने आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष से भेंटवार्ता की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इन 3 सालों में चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में उत्तराखंड में बहुत से ऐसे कार्य किए गए हैं।
जिसका लाभ सीमा पर रक्षा के साथ-साथ उत्तराखंड की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यटन स्थिति को भी मिला है।
अग्रवाल ने कहा कि उनके नेतृत्व में बहुत सी सफलताएं हासिल हुई है जिसमें कई लंबित परियोजनाओं पर त्वरित निर्णय लेकर कार्यों को शुरू किया गया।
अग्रवाल ने कहा कि ब्यूरो चीफ के नेतृत्व में उत्तराखंड में चार धाम संबंधित कार्यों, चाइना बॉर्डर तक सड़क निर्माण एवं पुल निर्माण सहित कही महत्वपूर्ण योजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है।
जिसके लिए उन्होंने बीआरओ चीफ़ का धन्यवाद भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर बीआरओ चीफ ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि बीआरओ द्वारा 10 साल में पहली बार उत्तराखंड में इस वर्ष 662 करोड रुपए से अधिक बजट खर्च किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीआरओ का लक्ष्य भारतीय सीमाओं पर सुचारु सड़क व्यवस्था उपलब्ध कराना है ताकि सीमा क्षेत्र में तैनात जवानों को आवाजाही व आवश्यक सामग्री को सुगमता से पहुंचाई जा सके।