देहरादून(अरुण शर्मा)। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक सी एम आवास पर हुई। अन्तर्विभागीय समन्वय के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बैठक में बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित करने का निर्णय लिया गया।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। उत्तराखण्ड के मन्दिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है। इसको बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जाय कि मन्दिरों का प्राचीन स्वरूप बना रहे।
जो लोग मन्दिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोङकर बाकी मन्दिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में मन्दिरों एवं उनसे जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने की बैठक में चर्चा की गई है।
बोर्ड की इस पहली बैठक में निर्णय लिया गया उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा।
मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, इसके लिए कार्यवाही सबंधित जिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है।
बदरी -केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी।
बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में किया जायेगा। बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित किया जायेगा।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए ट्रिब्यूनल बनाई जायेगी।
एनआईसी द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए बनाई गई वेबसाइट का अधिग्रहण कर इसका अपग्रेडेशन किया जायेगा।